उत्तराखंड पुलिस महमके में 30 फीसदी महिलाओं की भर्ती की जाएगी. धीरे-धीरे महिला की पुलिस में भागीदारी बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. अभी पुलिस महमके में करीब 10 फीसदी महिलाओं की भर्ती हो चुकी है.
मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि उत्तराखंड राज्य आन्दोलन में नारी शक्ति ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. नारी शक्ति के नेतृत्व में कई बड़े आन्दोलन भी हुए.
साथ ही चिपको जैसे आन्दोलन की शुरू भी उन्हीं के नेतृत्व में हुई. ऐसे में सरकार की मंशा साफ है महिलाओं की पुलिस महकमे में भागेदारी बढ़नी चाहिए. वहीं 2014 में हुई हुए एसआई भर्ती में महिलाओं की काफी संख्या देखी जा रही है.
प्रदेश में अर्द्ध कुंभ मेले की तैयारी शुरू हो गई है. देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार में आते हैं. ऐसे में बदले क्राइम ट्रेंड को देखते हुए पुलिस मेले की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था करना चाहती है.
इस बाबत पुलिस मुख्यालय ने एक प्रस्ताव तैयार किया है. जल्द ही 319 महिला एसआई की भर्ती का प्रस्ताव तैयार किया है, साथ ही पीएसी में 215 महिलाओं की भी भर्ती की जानी है.
इतना ही नहीं, 1000 हजार महिला पुलिस जवानों की भर्ती का भी प्रस्ताव तैयार किया गया है. डीजीपी बीएस सिद्धू का कहना है कि पुलिस डिपार्टमेंट में महिला पुलिस मौजूदगी को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. जल्द ही उत्तराखंड पुलिस में 30 फीसदी महिला पुलिस नज़र आएंगी.
उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि सभी थानों में महिला एस आई होनी चाहिए. जो महिला से संबंधित मामलों की विवेचना कर सके हैं, लेकिन हकीकत यह है प्रदेश के करीब 75 थानों में महिला पुलिस अधिकारी तैनात ही नहीं है, क्योंकि महिला पुलिस अधिकारी कमी चल रही है.
इस तरह से जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को पालन करने की जरूरत महसूस की जा रही है, वहीं सरकार प्रदेश में महिलाओं को पुलिस फोर्स में सेवा करने का मौका दे रही है.
जल्द ही प्रदेश में करीब दो हजार महिलाओं की भर्ती की जाएगी. इसके लिए कैबिनेट जल्द भर्ती की मंजूरी दे सकती हैं. पुलिस कांस्टेबल, पीएसी, आई आरबी, के साथ पुलिस के दूसरे विंग में भी महिलाओं की भर्ती का रास्ता साफ हो रहा है. ऐसी महिलाएं जो पुलिस डिपार्टमेंट में सेवा करना चाहती है उनके लिए एक राहत की ख़बर है फिलहाल देखना होगा कि शासन कितनी जल्दी रिक्त पदों की भर्ती की मंजूरी देता है.
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